Mahatma Gandhi Death 2023| गांधी जी की कुछ रहस्यमई ‘कहानियां’

Mahatma Gandhi Death 2023| गांधी जी की कुछ रहस्यमई 'कहानियां'

महात्मा गांधी जी भारत और भारतीय स्वतंत्र आंदोलन प्रमुख राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता नेता थे। गांधी जी ने ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ के अत्याचार के प्रतिरोध के अग्रणी नेता भी थे। और गांधीजी की बुनाई सावधाना के आधार पर थी आइए जानते हैं अब महात्मा गांधी जी की डेथ कब हुई, महात्मा गांधी जी को बापू के नाम से किसने पुकारा, और अन्य जानकारी इसलिए के माध्यम से जानेंगे।

महात्मा गांधी जी की मृत्यु

Mahatma Gandhi Death Anniversary 2023: महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 870 में हुआ था और उनकी मृत्यु 30 जनवरी 1948 में हुआ था। और महात्मा गांधी जी की उपाधि रवींद्रनाथ टैगोर ने दी थी। गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था और उन्हें महात्मा गांधी जी के अलावा बापू के नाम से भी जाना जाता है। महात्मा गांधी जी भारत और भारतीय स्वतंत्र आंदोलन के प्रमुख राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेता भी रहे हैं। गांधी जी ने सत्याग्रह ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ के अत्याचार के प्रतिरोध के अग्रणी नेता भी थे। और गांधी जी की पूर्ण आंसर अवधारणा के आधार पर रखी हुई थी। महात्मा जी स्वतंत्रता संग्राम, नागरिक अधिकारों और भारतीय स्वतंत्र आंदोलन प्रमुख थे। और दुनिया भर के लोग महात्मा गांधी जी को बापू के नाम से भी जाने लगें। जानते हैं महात्मा गांधी जी की उपाधि किसने दी।

Mahatma Gandhi ji (बापू की उपाधि)

Mahatma Gandhi जी को बापू की उपाधि सुभाष चंद्र बोस ने 6 जुलाई 1944 को उपाधि दी। जब गांधी जी की पत्नी कस्तूरबा गांधी का निधन हुआ तब सुभाष चंद्र बोस ने है गांधी जी को बापू के नाम से जाने लगे। और बापू का शीर्षक “पिता” होता है। उसके बाद महात्मा गांधी जी को “महात्मा” और “राष्ट्रपिता” की उपाधि मिली थी।

गांधी जी को महात्मा की (उपाधि)

महात्मा गांधी गुजरात तट पर एक हिंदू परिवार में जन्म हुआ और पले- बढ़े गांधी ने लंदन के इनर टेंपल में लॉ की पढ़ाई पूरी की और और गांधीजी को 22 साल की उम्र में जून 1891 में बार में भारत बुलाया गया था। तब वह 1893 में एक भारतीय का प्रतिनिधित्व करने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए. उसके बाद भारत में दो अनिश्चित वर्षों के बाद एक मुकदमे में व्यापारी, जहां वह एक सफल कानून अभ्यास स्थापित करने में असमर्थ था. जिसके बाद में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में 21 साल बिताए। उसके बाद गांधीजी ने इंडिया आने के बाद किसानों और मजदूरों की आर्थिक स्थितियां में सुधार लाने के लिए उनका बहुत बड़ा सहयोग रहा है।

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